भारतीय सेना द्वारा ऑपरेशन सिंदूर के सफलतापूर्वक संचालन के बाद, केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इसे राष्ट्रीय गर्व का विषय बनाते हुए 13 मई से 23 मई तक पूरे देश में ‘तिरंगा शौर्य सम्मान यात्रा’ निकालने का फैसला किया है। यह यात्रा देशवासियों में राष्ट्रभक्ति, सैन्य बल के प्रति सम्मान और राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति सजगता का संदेश देने के उद्देश्य से शुरू की गई है।
चार राज्यों में शौर्य की गूंज
13 मई को यात्रा की शुरुआत उत्तर प्रदेश, हरियाणा, उड़ीसा और उत्तराखंड में हुई। इन राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने स्वयं नेतृत्व कर इस अभियान को दिशा दी।
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उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ से यात्रा की शुरुआत की।
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उड़ीसा में नव नियुक्त मुख्यमंत्री मोहन चरण मांझी ने तिरंगा लेकर यात्रा का नेतृत्व किया।
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हरियाणा में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और
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उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने-अपने राज्यों में लोगों को संबोधित करते हुए यात्रा को हरी झंडी दिखाई।
इन सभी राज्यों में बीजेपी कार्यकर्ताओं, युवाओं, महिलाओं और पूर्व सैनिकों ने बड़ी संख्या में भाग लिया। तिरंगा हाथ में लेकर निकली यह यात्रा राष्ट्रीय गौरव और सैन्य सम्मान का सजीव उदाहरण बन गई।
योगी आदित्यनाथ का जोशीला भाषण
लखनऊ में यात्रा शुरू करने से पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोगों को संबोधित किया। उन्होंने कहा:
“पूरा देश सेना के पराक्रम और साहस को सलाम करता है। हम ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के लिए प्रधानमंत्री मोदी जी का आभार व्यक्त करते हैं। पहलगाम में पाकिस्तान समर्थित आतंकियों ने जो वीभत्स घटना की, उसे पूरी दुनिया ने देखा और उसकी निंदा की। इसके जवाब में हमारी सेना ने जो साहस दिखाया, वह भारतीय इतिहास में स्वर्णाक्षरों में लिखा जाएगा।”
उन्होंने आगे कहा:
“हम किसी को छेड़ते नहीं हैं, लेकिन अगर कोई हमें छेड़ेगा तो हम उसे छोड़ेंगे नहीं। भारतीय सेना की जवाबी कार्रवाई ने पाकिस्तान को उसकी औकात दिखा दी।”
ऑपरेशन सिंदूर: राष्ट्र का गौरव
गौरतलब है कि 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पाकिस्तान समर्थित आतंकियों ने पर्यटकों पर हमला किया था। इस वीभत्स घटना के बाद भारत सरकार ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान में मौजूद आतंकी शिविरों पर हवाई हमले किए।
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यह अभियान 7 और 8 मई की दरम्यानी रात को चला।
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ऑपरेशन में 100 से अधिक आतंकी मारे गए और कई आतंकी शिविर तबाह कर दिए गए।
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भारत ने इस ऑपरेशन के जरिए यह स्पष्ट कर दिया कि वह अपनी संप्रभुता और नागरिकों की सुरक्षा के प्रति किसी भी स्तर तक जा सकता है।
बीजेपी का राष्ट्रवाद पर फोकस
तिरंगा यात्रा का उद्देश्य सिर्फ सैन्य कार्रवाई का जश्न मनाना नहीं है, बल्कि यह भी दिखाना है कि भारत अब सिर्फ प्रतिक्रिया नहीं देता, बल्कि पहल करता है। इस यात्रा में पार्टी यह संदेश दे रही है कि भारत का राष्ट्रीय स्वाभिमान सर्वोपरि है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश आत्मनिर्भर, निर्णायक और शक्तिशाली बन रहा है।
यात्रा के लिए जिम्मेदार नेता
बीजेपी ने इस अभियान को प्रभावी बनाने के लिए वरिष्ठ नेताओं की टीम बनाई है:
ये नेता देश के विभिन्न हिस्सों में जाकर स्थानीय कार्यकर्ताओं के साथ संपर्क कर रहे हैं, यात्राओं को संगठित कर रहे हैं और जनभावनाओं को राष्ट्रवाद की भावना से जोड़ रहे हैं।
राष्ट्र एक भाव, एक संकल्प
इस यात्रा के माध्यम से बीजेपी यह भी संदेश दे रही है कि भारत अब केवल कूटनीति तक सीमित नहीं है, बल्कि साहसी फैसलों और निर्णायक जवाबों से वैश्विक मंच पर अपनी मौजूदगी दर्ज करवा रहा है।
चाहे वह गालवान घाटी का संघर्ष हो या बालाकोट एयरस्ट्राइक, अब ऑपरेशन सिंदूर, हर बार भारत ने दुनिया को दिखाया है कि वह अपने नागरिकों और सीमाओं की रक्षा के लिए पूरी तरह तैयार है।
निष्कर्ष
तिरंगा शौर्य सम्मान यात्रा केवल एक राजनीतिक अभियान नहीं, बल्कि एक राष्ट्रीय भावनात्मक लहर है। यह भारत की जनता को याद दिलाती है कि सेना, सुरक्षा बल और नेतृत्व अगर दृढ़ इच्छाशक्ति से काम करें, तो देश किसी भी चुनौती का सामना कर सकता है।
इस यात्रा ने यह भी प्रमाणित किया है कि भारत की जनता अब रक्षा और रणनीति को भी चुनावी और राष्ट्रीय विमर्श का हिस्सा मानती है। ऐसे में बीजेपी का यह राष्ट्रवादी एजेंडा निश्चित ही आने वाले समय में राजनीतिक और सामाजिक विमर्श का केंद्र बनेगा।